Saturday, October 6, 2012

संस्कृतिकर्म के खतरे उठाने ही होंगे - फीरोज़ अशरफ खां


"आज के बाजारवादी दौर में जनवादी संस्कृति की पूरी अवधारणा और संस्कृतिकर्म पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं और इन सवालों के बीच जनता हमारी भूमिका हमारे हस्तक्षेप की तलाश कर रही उनकी साड़ी उम्मीद हम संस्कृतिकर्मियों पर टिकी है. इसलिए हमें संस्कृतिकर्म के खतरे उठाने ही होंगे और जनता की आशाओं को पूरा भी करना होगा. बेहतर संस्कृतिकर्म के प्रदर्शन के लिए बेहतर रंगशाला और कलाकारों को शिक्षण-प्रशिक्षण की विश्वविद्यालय स्तर तक की व्यवस्था हम संस्कृतिकर्मियों की मांग हैं."

15 सितम्बर 2012 को इप्टा के छपरा इकाई के नगर सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए इप्टा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डा. फीरोज़ अशरफ खां ने उक्त बातें कहीं. डा. फीरोज़ ने बिहार सरकार के संस्कृति नीति को जनता के सामने रखने की मांग को दोहराते हुए कलाकारों-संस्कृतिकर्मियों से साझा आन्दोलन का आह्वान किया. दो दिवसीय सम्मलेन में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए बिहार विधान परिषद् के उप-सभापति सलीम परवेज़ ने बेहतर सांस्कृतिक माहौल के निरंतर सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन पर जोर दिया और कहा कि कलाकारों की मांगें बिलकुल जायज़ है और यह सरकार का नैतिक दायित्व है कि वह बेहतर संस्कृतिकर्म को प्रोत्साहित करे. बिहार के विकास में इप्टा के योगदान की चर्चा करते हुए उप-सभापति ने कहा कि इप्टा प्रेमचंद की उस उक्ति का अक्षरश: पालन कर रही हैं कि संस्कृति राजनीत के आगे की मशाल है. मैं इप्टा के देश के विकास में सतत प्रगतिशील रहें इसकी शुभकामना देता हूँ. इस अवसर पर छपरा इप्टा के नगर सम्मलेन की स्मारिका का विमोचन बिहार विधान परिषद् के उप-सभापति सलीम परवेज़ एवं अन्य अतिथियों द्वारा किया गया. उदघाटन सत्र का संचालन अमित रंजन और अध्यक्षता लाल बाबू यादव ने किया.

सत्र में पारित प्रस्ताव में भिखारी ठाकुर की १२५वी जयंती के अवसर पर सारण प्रमंडल मुख्यालय में एक सुसज्जित प्रेक्षागृह के निर्माण की सरकार के मांग की गई.

भोजपुरी के महान रचनाकार महेंद्र मिश्र की प्रतिनिधि कवितायों का विमोचन जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण के अध्यक्ष के डा० विरेंद्र नारायण यादव के द्वारा किया गया. महेंद्र मिश्र को याद करते हुए श्री यादव ने कहा की भोजपुरी क्षेत्र के लोक कवी महेंद्र मिश्र के गीत समाज को संवेदनशील एवं जागरूक बनाते हैं. उनके गीतों ने भोजपुरिया समाज के मन-मिजाज़ को खूब झकझोरता है. सम्मलेन के अवसर पर वरिष्ठ इप्टाकर्मी दुर्गेश नारायण को प्रथम इप्टा सारण शिखर सम्मान से विभूषित किया गया.

स्थानीय हबीब तनवीर रंगमंच (महेंद्र मंदिर, ज्योति सिनेमा), छपरा के प्रेक्षागृह में आयोजित उदघाटन सत्र में इप्टा के जनवादी गीतों और भोजपुरी की लोकरचना 'बटोहिया' के गायन से सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत हुई. छपरा इप्टा के लोक कलाकारों ने बटोहिया गायन को बिहार की अस्मिता के साथ जोड़ कर प्रस्तुत किया. इस अवसर पर 'बिटिया आई' नाटक की मार्मिक प्रस्तुति की गई. कश्मीरा सिंह के निर्देशन में ज्योति म्हाप्सेकर के मूल मराठी नाटक का बसंत देव द्वारा हिंदी अनुवाद को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया. साथ ही कलाकारों ने प्रेमचंद की चर्चित कहानी पर आधारित नाटक "नमक का दारोगा" का मंचन अमित रंजन के निर्देशन में किया. इप्टा की सुतिहार इकाई के इन्द्रदीप कुमार साथियों द्वारा इस अवसर पर भोजपुरी लोकगीत प्रभावी प्रस्तुति की गई. यशवंत कुमार ने राष्ट्रीय गीत पर एवं बाल कलाकार शिवानी ने साक्षरता गीत पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन कंचन बाला और उमा शंकर साहू ने किया.

 इसके पूर्व छपरा इप्टा के अध्यक्ष डा लाल बाबू यादव ने ए० के० हंगल नगर, सारण अकादमी में इप्टा का ध्वजारोहण कर दो दिवसीय नगर सम्मलेन का आगाज किया. इस अवसर पर इप्टा गीत 'तू जिंदा है...' की प्रस्तुति की गई.

सम्मलेन के दूसरे दिन 16 सितम्बर 2012  संगठन सत्र में छपरा इकाई के सचिव अमित रंजन ने संगठन का वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया और वर्तमान सन्दर्भ में इप्टा कि गतिविधियों और सांस्कृतिक चुनौतियों पर चर्चा की. सम्मलेन में इप्टा इकाई ने अगले सत्र के लिए नयी कार्यकारिणी का निर्वाचन भी किया. श्री लाब बाबू यादव छपरा इप्टा का अध्यक्ष और अमित रंजन को सचिव निर्वाचित किया गया. इस अवसर पर बिहार इप्टा की ओर से राज्य पर्यवेक्षक डा० फीरोज़ अशरफ खान भी उपस्थित थें.

- अमित रंजन

2 comments:

  1. FIRST SHOW =MANICKPUR CRICKET GROUND VASAI WEST ON 19TH OCTOBER 2012, 6:00 PM .SECOND SHOW S.M.JOSHI SABHAGRUH ,NR PATRAKAR BHAVAN GANJAVE CHOWK LAL BAHADUR SHASHTRI ROAD NAVI PETH -PUNE ON 20 TH OCT 2012 4:00 PM
    "KABEERA" is going to perform a play "BAAT KA BATANGADH" on 19th October 2012. Written and Directed by Shahid Kabeer, in 11th Vasai Book Festival in Memory of Comrade Safdar Hashmi. A Play is Based on Religious Fight where a Comman Man is mislead by the Political leaders. How does a Political leaders play with the Emotion of Comman Man. How they Ignite Religious fight between two caste and Brain wash them. It might be between any Caste. It’s a story start with a small family problems and how they problems take place in our society. —
    FIRST SHOW - Friday at 6:00pm at Manickpur Cricket Ground Vasai Road (West)

    SECOND SHOW -- on 20th oct2012 ,4:00 pm -at -S.M.Joshi Sabagruh near Patrakar Bhavan Ganjave Chowk Lal Bahadur Shashtri Road Navi peth Pune -

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  2. FIRST SHOW =MANICKPUR CRICKET GROUND VASAI WEST ON 19TH OCTOBER 2012, 6:00 PM .SECOND SHOW S.M.JOSHI SABHAGRUH ,NR PATRAKAR BHAVAN GANJAVE CHOWK LAL BAHADUR SHASHTRI ROAD NAVI PETH -PUNE ON 20 TH OCT 2012 4:00 PM
    "KABEERA" is going to perform a play "BAAT KA BATANGADH" on 19th October 2012. Written and Directed by Shahid Kabeer, in 11th Vasai Book Festival in Memory of Comrade Safdar Hashmi. A Play is Based on Religious Fight where a Comman Man is mislead by the Political leaders. How does a Political leaders play with the Emotion of Comman Man. How they Ignite Religious fight between two caste and Brain wash them. It might be between any Caste. It’s a story start with a small family problems and how they problems take place in our society. —
    FIRST SHOW - Friday at 6:00pm at Manickpur Cricket Ground Vasai Road (West)

    SECOND SHOW -- on 20th oct2012 ,4:00 pm -at -S.M.Joshi Sabagruh near Patrakar Bhavan Ganjave Chowk Lal Bahadur Shashtri Road Navi peth Pune -

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