Friday, December 27, 2013

सीमा बिस्वास को रंगकर्म का शरदचन्द्र वैरागकर सम्मान

रायगढ़. हर वर्ष की तरह पाँच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आरम्भ कल दिनाँक 26 दिसम्बर से हुआ. सुबह पांचवें शरदचन्द्र वैरागकर सम्मान समारोह का आयोजन संपन्न हुआ. इस बार यह पुरस्कार सुपरिचित रंगकर्मी सुश्री सीमा बिस्वास को दिया गया. इस बार इस पुरस्कार की चयन समिति में शामिल थे- विवेचना रंगमंडल के अरूण पांडे, मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के डायरेक्टर संजय उपाध्याय, रंगकर्मी राजकमल नायक, रायगढ़ इप्टा के अध्यक्ष विनोद बोहिदार और इप्टा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अजय आठले.

शरदचन्द्र वैरागकर मराठी रंगमंच से जुड़े थे. बिलासपुर में गणित के प्रोफेसर रहे व रिटायरमेंट के बाद रायगढ़ में रहे.  रंगकर्म से उनका गहरा जुड़ाव इस रंगकर्मी सम्मान की पूर्वपीठिका बना. उनके जाने के बाद उनकी याद में रंगकर्मी सम्मान दिये जाने की पहल उनके परिवार के सदस्यों ने की.सबसे पहला शरदचन्द्र वैरागकर सम्मान राजकमल नायक को, दूसरा संजय उपाध्याय को, तीसरा अरूण पांडे को, चौथा जुगल किशोर को और इस बार का पांचवां सम्मान सीमा बिस्वास को दिया गया.

हर वर्ष सम्मानित रंगकर्मी द्वारा नाट्य मंचन प्रथम दिवस में किया जाता है. परंपरा के इस क्रम में कल सुश्री सीमाजी की एकल प्रस्तुति रबिन्द्रनाथ टैगोर के ‘स्त्रीर पत्र’ शाम 7 बजे हुई. शाम को दीप प्रज्ज्वलन के लिये हमारे साथ जिलाधीश महोदय उपस्थ्ति थे. जिलाधीश महोदय और दिल्ली इप्टा के मनीष श्रीवास्तव द्वारा सालाना पत्रिका ‘रंगकर्म’ का विमोचन किया गया. ‘स्त्रीर पत्र’ की अविस्मरणीय प्रस्तुति में शामिल रहे शहर के तमाम सुधि दर्शक. यहाँ ज़िक्र करते चलें कि सीमाजी का रंगमंच का लम्बा सफर जारी है जिसमें उनके द्वारा अभिनीत अनगिनत प्रस्तुतियां शामिल हैं जिनमें एंटीगनी, कर्मानवाली, आषाढ़ का एक दिन, नटी विनोदिनी, रक्त कल्याण, जुलियस सीज़र, डेथ ऑफ ए सेल्समेन, अंधा युग, ख़ूबसूरत बहू, दिन के अंधेरे, ब्रोकन इमेजेस, रोशोमन, तुगलक, काठी की गाड़ी,गांधी वर्सेस गांधी, जीवित और मृत आदि उल्लेखनीय हैं.

सीमा जी रंगमंच के साथ-साथ फिल्मों में भी अनेक सार्थक भूमिकाओं के लिये सुपरिचित हैं. बैंडिट क्वीन से हिन्दी सिने जगत में अभिनय की ऊंचाईयों को नया मुहावरा देने वाली सीमा बिस्वास निरंतर चुनौतियों को स्वीकार करती अपने अभिनय सफर में लीन है. सहज-सरल व्यक्तित्व वाली यह अभिनेत्री लाइमलाइट में बनें रहने की लालसा से दूर अभिनय को जी रही है और नयी परिभाषाओं के अन्वेषण में लगी हैं.

रायगढ़ इप्टा के इस सम्मान समारोह का स्वरूप अपने आप में विशिष्ट है. यहाँ सभी जन संस्थाओं और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं को भी आमंत्रित किया जाता है और उनकी तरफ से भी रंगकर्मी सम्मानकर्ता को सम्मान दिया जाता है. इस क्रम में इस बार 34 संस्थाएं शामिल हुई. 

1 comment:

  1. रायगढ़ इप्टा के इस निरंतर आयोजन के लिए ढेरों बधाईयाँ ...

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