Tuesday, August 19, 2014

इप्टा झारखंड की सात दिवसीय नाट्य कार्यशाला

मेदिनीनगर : संस्कृतिकर्म की सृजनात्मकता, रचनात्मकता व बेहतरी के लिए इप्टा झारखंड के द्वारा सात दिवसीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस नाट्य कार्यशाला में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नाट्य निर्देशक सह नाटककार प्रोबीर गुहा बतौर मुख्य प्रशिक्षक उपस्थित हैं। इप्टा के परिचय गीत के साथ इसका आगाम किया।

इप्टा झारखंड के सांस्कृतिक चिंतक शैलेंद्र कुमार ने कार्यशाला के उदघाटन सत्र में कहा कि पूरी दुनिया में आभासी सत्य को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में वास्तविक सत्य गुम हो जाएगा। जो समाज के लिए काफी खतरनाक है। इस खतरे से समर्पित व दक्षता के साथ किए गए संस्कृति कर्म से हम लोहा ले सकते हैं। बतौर मुख्य प्रशिक्षक उपस्थित प्रोबीर गुहाने कहा कि डालटनगंज अन्य शहरों से बिलकुल अलग है। यहां वास्तविक संस्कृति कर्म होता है। यही कारण है कि यहां नाट्य कार्यशाला का आयोजन हुआ है।

उदघाटन सत्र में इप्टा के संरक्षक डा अरूण शुक्ला, आलोक वर्मा, पंकज श्रीवास्तव, उपेंद्र मिश्र, विनिता असर, प्रेम भसीन, राजन सिन्हा, रवि शंकर आदि ने कार्यशाला के सफलता की कामना करते हुए प्रोबीर का गर्मजोशी से स्वागत किया। इप्टा झारखंड के महासचिव उपेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह कार्यशाला सिर्फ इप्टा के कलाकरों के लिए नहीं है। इच्छुक कलाकार इसमें भाग ले सकते हैं। कार्यशाला में पलामू, रांची, गढ़वा, लइयो, चाईबासा, टाटा से इप्टा इकाई के कलाकारों केसाथ मासूम आर्ट के कलाकार भी भाग ले रहे हैं। उदघाटन सत्र में अन्य लोगों के अलावा पलामू इप्टा के बाल कलाकार रोहित, सौरभ, सानू, सोना, समर व मोनू सहित गोपाल सिंह, नमस्कार तिवारी, दिव्य प्रकाश आदि उपस्थित थे। सत्र का संचालन इप्टा के पलामू जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह व प्रेम भसीन ने धन्यवाद प्रेषित किया।

जागरण से साभार

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