Wednesday, October 8, 2014

विवेचना का 21 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह: आज शुभारंभ

विवेचना का इक्कीसवां राष्ट्रीय नाट्य समारोह आज 08 अक्टूबर को प्रारंभ होने जा रहा है। यह समारोह 12 अक्टूबर 2014 तक तरंग प्रेक्षागृह में चलेगा। इस नाट्य समारोह में आज के समय के सर्वाधिक चर्चित पांच नाटक मंचित होने जा रहे हैं। 

विवेचना के नाट्य समारोह का उद्घाटन संध्या 7.30 बजे तरंग प्रेक्षागृह में होगा। इसके पूर्व पूर्वरंग में जबलपुर के कलाकार प्लेटफॉर्म प्रदर्शन करेंगे। पहले दिन 08 अक्टॅूबर को आयोजक संस्था विवेचना के नाटक ’कंजूस’ का मंचन होगा। फ्रंेच नाटककार मोलियर का यह नाटक पिछले 400सौ सालों से पूरी दुनिया को गुदगुदा रहा है। ये एक कंजूस बुजुर्ग की कहानी है जो बुढ़ापे में दूसरी शादी करने पर आमादा हैं पर पैसा भी नहीं खर्च करना चाहते और लड़की की उम्र भी ज्यादा होना पसंद नहीं है। साथ में दहेज भी चाहते हैं। इसका निर्देशन तपन बैनर्जी ने किया है। 

समारोह का दूसरा नाटक 9 अक्टूबर को जयपुर की संस्था नाट्यकुलम् द्वारा अशोक बांठिया के निर्देशन में मंचित होगा। ’नियति’ नामक यह नाटक सुप्रसिद्ध ग्रीक त्रासदी नाटक ’इडिपस’ का भारतीय परिवेश में किया गया रूपांतर है। तीसरे दिन 10 अक्टूबर को मुखातिब, मुम्बई द्वारा इश्तियाक आरिफ खान के लेखन और निर्देशन मेें मुम्बई के कलाकारों द्वारा ’सार्थक बहस’ का मंचन किया जाएगा। यह नाटक टी वी में होने वाली बहसों के बहाने नाटक वालों और देशवासियों की व्यथा कथा कहता है। चौथे दिन 11 अक्टूबर को के एस राजेन्द्रन के निर्देशन में सर्वाधिक प्रशंसित नाटक ’औरंगज़ेब’ का मंचन होगा। पांचवें और अंतिम दिन 12 अक्टूबर को नादिरा बब्बर का प्रसिद्ध नाटक ’ये है बाम्बे मेरी जान’ का मंचन एकजुट मुम्बई के कलाकार करेंगे। 

विवेचना ने यह समारोह केन्द्रीय क्रीड़ा व कला परिषद एम पी पावर मैनेजमेंट कंपनी लि के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया है। प्रतिदिन संध्या 7़.30 बजे से तरंग ऑडीटोरियम में नाटक मंचित होंगे। प्रवेश पत्र हॉल में उपलब्ध होंगे। विवेचना ने सभी नाट्यप्रेमियों से नाटकों का आनंद लेने का अनुरोध किया है। इस हेतु हिमांशु राय 9425387580, बंाकेबिहारी ब्यौहार 9827215749 वसंत काशीकर 9425359290 से संपर्क किया जा सकता है।

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