Tuesday, January 20, 2015

झारंगम-2015 : चाईबासा इप्टा का नाटक "पेट जल रहा"

मेदिनीनगर : स्थानीय टाउन हाल में चल रहे राज्य स्तरीय नाट्य महोत्सव झारंगम-2015 के दूसरे दिन रविवार की रात हजारीबाग व चाईबासा की टीम अलग-अलग विषयों पर नाटक की प्रस्तुति की। हजारीबाग की ओर से सम्राट नृत्य संगीत एवं नाट्य संस्थान ने विनाशक नामक नाटक का मंचन कर पृथ्वी की वर्तमान स्थिति को मजबूती से दर्शकों के बीच रखने में सफलता हासिल की। चाईबासा इप्टा की टीम पेट जल रहा है नामक नाटक की प्रस्तुति की। नाटक के मंचन के दौरान कई दर्शकों के आंखें नम हो गई। इसमें आंचलिक इलाकों में अकाल के बाद आर्थिक तंगहाली व बेरोजगारी की स्थिति को बेहतर ढंग से दर्शाया है। कला-संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग द्वारा आयोजित इस महोत्सव की कलाकारों ने खूब सराहना की है। कहा कि यदि इस तरह का आयोजन होता रहा तो रंगमंच को उभरने में बल मिलेगा। समारोह के बाद दोनों टीमों के तमाम कलाकारों को कला संस्कृति विभाग के निदेशक अनिल कुमार सिंह प्रशस्ति पत्र व शिल्ड देकर सम्मानित किया। कहा कि इस तरह का आयोजन अन्य कई जिलों में कराया जाना है। श्री सिंह ने कहा कि अब शनिवार को शनि पर्व का आयोजन किया जाएगा। इसे लेकर हर माह चार आयोजन होगा। आश्वासन दिया कि जल्द ही कलाकारों को पेंशन भी मिलेगा। 55 वर्ष आयु के कलाकारों को चार हजार व अन्य कलाकारों को एक हजार प्रति माह दिए जाने की योजना है। उपस्थित कलाकारों के चेहरे पर इस आश्वासन से बाद मुस्कान देखने को मिली।
पृथ्वी पर आए हैं तो इंसानियत का परिचय दें
हजारीबाग से आई सम्राट नृत्य संगीत एवं नाट्य संस्थान की टीम ने विनाशक नामक नाटक के माध्यम से आतंकवाद के साए से सृष्टि के विनाश होते रूप को दर्शाया गया। पृथ्वी पर हो रहे खूनी खेल व पर्यावरण से हो रहे छेड़छाड़ को आधुनिक रूप से पेश कर दर्शकों की आंखें खोल दी। बताया गया कि मानव अपने हाथ की शक्ति का दुरूपयोग कर रहे हैं। इस आधुनिक युग में पर्यावरण से छेड़छाड़ किया जा रहा है। इंसान ही इंसान का दुश्मन बन गया है। अपना साम्राज्य कायम करने की मंशा से मासूमों की जान ली जा रही है। दर्शाया गया कि अपराधियों का कोई जाति या धर्म नहीं होता। संदेश दिया गया कि लोगों को मुख्यधारा से जुड़कर इंसानियत का परिचय देना चाहिए। राकेश कुमार सिन्हा ने विनाशक नाटक के लेखक व निर्देशक थे। कलाकारों में शिवानी यादव, प्रवीण कुमार जायसवाल, रवि कुमार गुप्ता, दीपक कुमार, रोहित वर्मा, सुरेंद्र कुमार सुदेश, अमरकांत कुमार राय, उमेश कुमार, विक्रांत कुमार गुप्ता, तापस चक्रवर्ती आदि का नाम शामिल है।
तंगी ने ले ली जान
चाईबासा इप्टा की टीम ने पेट जल रहा नामक नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि लगातार हो रहे अकाल के कारण घर में अनाज तक नहीं है। साहुकारों की बोझ से निपटना भी एक परेशानी बनी हुई है। कई दिनों से खाना मयस्सर नहीं के कारण छोटा पेटा गंभीर रूप से बीमार है। एक तो बेरोजगारी व आर्थिक तंगी। विवश होकर बड़ा पेटा की आग बुझाने की खातिर गलत राह का चुनाव करता है। बावजूद भूख के कारण दोनों बेटों की मौत हो जाती है। इप्टा की टीम ने गरीबी व साहुकार प्रथा की टकराव में तड़पती आम जिंदगी सजीव चित्रण किया। टीम का नेतृत्व संजय चौधरी कर रहे थे। टीम में सुगंधिनी बागे, नरेश राम, अविनाश दास,किशोर कुमार साव, विक्रम राम, सोमनाथ पुरती, शिव शंकर राम, राजू प्रजापति, कृष्ण कुमार जायसवाल, राजकिशोर साहु आदि का नाम शामिल है।
उपेंद्र हुए रंगश्री सम्मान से सम्मानित
इप्टा के राज्य महासचिव उपेंद्र मिश्रा को कला-संस्कृति विभाग के निदेशक ने रंगश्री सम्मानित से सम्मानित किया। इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष सदर एसडीओ सुरेंद्र कुमार वर्मा, एसओ बीएन सिंह, विनोद पाडेय, पुष्पा सिंह, मंजु सिंह, मुनमुन चक्रवर्ती, शैलेंद्र सिंह, शिवशकर प्रसाद, अविनाश देव समेत रविशकर, अमर भाजा, सजीत, रजनीकात, कमलकात, गौतम घोष, स्वास्तिक अंकित, परिमल, आदर्श पाडेय आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर मासूम आर्ट ग्रुप की कथिक वर्मा ने नृत्य प्रस्तुत किया।
जागरण से साभार

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