Tuesday, April 28, 2015

अशोक नगर में बाल एवं किशोर नाट्य कार्यशाला 1 मई से

शोकनगर।तुलसी सरोवर पार्क में घूमने आने वालों के लिए रविवार की शाम कुछ खास रही। पार्क में साधु, सैनिक, राजा सहित ग्रामीण नजर आए। इन्हें देखकर लोग असमंजस में रहे। बाद में पता चला कि वे नगर के बाल कलाकार हैं, जो लोगों ने सामने अपनी नाट्य कला का प्रदर्शन करने वहां पहुंचे है।
भारतीय जन नाट्य संघ ( इप्टा ) की अशोकनगर इकाई 12 - 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1 से 25 मई 2015 के दरम्यान ग्यारहवीं बाल एवं किशोर नाट्य कार्यशाला का आयोजन करने जा रही ही है | इस कार्यशाला के प्रचार -प्रसार और वातावरण निर्माण के लिए कल 26 अप्रेल 2015 को तुलसी सरोवर पार्क में पूर्ववर्ती कार्यशालायों के बच्चों द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र के कालजयी नाटक " अंधेर नगरी " का खुले में रंगभूमि प्रदर्शन किया | इस नाटक को 300 से जियादा दर्शकों ने देखा |
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पार्क में बीचों-बीच बने गोलंबर पर भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से जुड़े बाल कलाकारों ने अचानक आकर ढोलक और तबले की थाप के साथ जनगीत गाना प्रारंभ किए तो डूबते सूरज की रोशनी में धीरे-धीरे दर्शक जुटने लगे।
इसके बाद नाटक का प्रदर्शन शुरू किया गया। इप्टा की इस प्रस्तुति को दर्शकों का प्रभावी समर्थन मिला और पार्क में इस तरह की नाट्य प्रस्तुतियों के लिए एक नया मंच और नया रास्ता खुला। उल्लेखनीय है कि भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा की अशोकनगर इकाई एक मई से बच्चों के लिए बाल एवं किशारे नाट्य कार्यशाला शुरू करने जा रही है। इसके उद्घाटन के लिए पूर्व शिविरों में शामिल बच्चों द्वारा भारतेंदु हरिशचंद्र के कालजयी नाटक अंधेर नगरी को तैयार किया है।
एक नया प्रयोग करते हुए इकाई ने तुलसी सरोवर पार्क में खुले मैदान में लोगों के सामने नाटक का प्रदर्शन किया, इसे लोगों खूब सराहा। इससे पहले नेपाल में आए भूकंप में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। नाटक के प्रदर्शन के पीछे कार्यशाला के प्रचार-प्रसार और वातावरण निर्माण की सोच भी रही। इप्टा के सचिव सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि रविवार को अधिक संख्या में लोग पार्क में आते हैं, इसलिए नाटक के प्रदर्शन के लिए इस दिन को चुना गया।
इन बाल कलाकारों ने किया अभिनय
संगीत प्रधान इस नाटक का संगीत भी पूरी तरह से बच्चों द्वारा ही तैयार किया गया है। ऋष्ाभ श्रीवास्तव के निर्देशन में तैयार इस नाटक में हर्षिता, संघमित्रा, शिवानी, अनुपम, सौरभ, दीपिका, कबीर, अनुज, दीपांशी, स्नेहा, सलोनी, सूर्यान्श, दर्श, डौली, ईशान आदि बाल कलाकारों ने प्रभावी अभिनय से दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखा। नाटक का संगीत आदित्य रूसिया, अनुज, कबीर और दर्श ने मिलकर तैयार किया।
पत्रिका से साभार

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