Thursday, March 2, 2017

रामजस कालेज में हुए घटनाक्रम के संदर्भ में इप्टा का बयान

28 फरवरी 2017, नई दिल्ली . नई दिल्ली के रामजस कालेज में होने वाले एक अकादमिक कार्यक्रम में दक्षिणपंथी गुटों द्वारा व्यवधान डालना और इस पर दिल्ली पुलिस का मूक समर्थन देना, देश में सिर उठाती असहिष्णुता और फासीवादी प्रवृत्ति की एक और कड़ी है। अभिव्यक्ति की आजादी और सवाल एवं संवाद के जरिए सत्य की खोज को हिंसा और कानूनी व्यवस्थाओं के दुरुपयोग से निरंतर दबाने की कोशिशें जारी हैं। अगर कुछ विद्यार्थी वैचारिक मतभेद के चलते इसी तरह दूसरे पक्ष पर शारीरिक हमले करते रहे और अध्यापकों को धमकाते रहे तो ऐसे में भारत का भविष्य अंधकारमय प्रतीत होता है। अध्यापकों पर हमला करने के लिए कुख्यात ABVP की हमारे कालेजों और विश्वविद्यालयों में मौजूदगी, देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है।

रामजस कालेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अपने विचारों की निर्भीक अभिव्यक्ति और बौद्धिक आदान-प्रदान के लोकतांत्रिक मंचों की रक्षा के लिए संघर्षरत देखकर नया हौसला मिलता है। इप्टा इनके साथ एकजुटता के साथ खड़ा है और इन्हें भारतीय जनमानस का सच्चा प्रतिनिधि मानता है।

यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के सदस्य, जिनपर लोकतांत्रिक मंचों की रक्षा और प्रोत्साहन का कार्यभार है, वे भी इन हिंसक तत्वों को सार्वजनिक तौर पर बढ़ावा दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर रामजस कालेज की छात्रा गुरमेहर कौर को दी जा रही हत्या और बलात्कार की धमकियों पर गृह राज्य मंत्री द्वारा दिए गए बयान बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय हैं।  उनके बयान छात्रा को दी गई धमकियों का समर्थन करते प्रतीत होते हैं। इप्टा ऐसे बयानों की कड़ी भर्त्सना करता है।

 इप्टा तमाम कलाकारों, लेखकों, विचारकों, पाठकों और दर्शकों से आह्वान करता है कि वे एकजुट होकर विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की संस्कृति को और मजबूत करें।

जनता के रंगमंच की नायक स्वयं जनता होती है।

-राकेश , राष्ट्रीय महासचिव

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